सुपौल के जिला कृषि पदाधिकारी अजीत कुमार यादव बताते हैं कि कृषि विभाग के निर्देश पर तीन प्रखंड के साढ़े आठ एकड़ खेत में ड्रैगन फ्रूट के खेती की शुरूआत की जाएगी.
जल्द ही सुपौल जिले के खेतों में भी ड्रैगन फ्रूट के पौधे लहलहाते दिखेंगे. क्योंकि मिट्टी अनुकूल होने की जानकारी मिलने के बाद अब बाकायदा इसकी खेती कराई जाएगी. इसके लिए कृषि विभाग ने पूरी प्लानिंग कर ली है.
जिला कृषि पदाधिकारी अजीत कुमार यादव ने बताया कि कृषि विभाग के निर्देश के आलोक में ड्रैगन फ्रूट की खेती को लेकर सर्वे किया गया और उन इलाकों के किसानों के साथ बैठक कर उनकी राय ली गई. इस दौरान किसानों ने ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए उत्सुकता जाहिर की. ऐसे में अब जिले के तीन अलग-अलग अनुमंडलों में ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए उपयुक्त जमीन चिन्हित कर ली गई है.
विभागीय सचिव की पहल पर बनाई योजना
जिला कृषि पदाधिकारी अजीत कुमार यादव ने बतायाकि बीते दिनों कृषि विभाग के सचिव क्षेत्र भ्रमण पर सुपौल आए थे. इस दौरान सचिव ने जिले के सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड में समीक्षा बैठक की थी. वहीं पर योजनाओं की समीक्षा के अलावा सचिव ने क्षेत्र में नए फसलों के खेती की संभावनाएं तलाशने का निर्देश दिया था. सचिव ने बताया कि बगल के जिलों में ड्रैगन फ्रूट की खेती हो रही है. इसी तरह यहां भी ड्रैगन फ्रूट की खेती की संभावनाएं तलाशें और किसानों के बीच जानकारी का प्रसार करें.
तीन प्रखंड के साढ़े 8 एकड़ में हाेगी खेती शुरू
वे बताते हैं कि इसके बाद संयुक्त निदेशक शस्य सहरसा, सहायक निदेशक उद्यान, चार अनुमंडल के एसएओ द्वारा उत्सुक किसानों के साथ बैठक की गई. साथ ही क्षेत्र का मुआयना भी किया गया. इसी दौरान इच्छुक किसानों के क्षेत्र का चयन ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए किया गया.
जिले के प्रतापगंज, बसंतपुर और राघोपुर में ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए इच्छुक किसान का चयन किया गया है. इस क्षेत्र में 8.5 एकड़ जमीन पर खेती शुरू की जाएगी. जहां ट्रायल के तौर पर ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू करने की योजना बनाई है. इससे अन्य फसलों की तुलना में काफी अधिक मुनाफा होगा और किसान आर्थिक रूप से संपन्न बनेंगे.